
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कछुआ भगवान विष्णु का स्वरूप है। समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर मंदराचल पर्वत को अपने कवच पर धारण किया था। ऐसा माना जाता है कि जहाँ कछुआ होता है वहाँ स्वयं माँ लक्ष्मी का वास होता है।
इसी कारण हिंदू धर्म में घर अथवा कार्यस्थल पर कछुआ रखना शुभ एवं पवित्र माना जाता है।
फेंगशुई शास्त्र में भी कछुए की स्थापना को अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इसकी स्थापना से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और समृद्धि का मार्ग खुलता है।
विशेषता
व्यापार वृद्धि कछुआ यंत्र एक अद्भुत और शक्तिशाली यंत्र है। कछुए के आकार में निर्मित इस यंत्र में व्यापार वृद्धि यंत्र अंकित होता है। इसकी स्थापना से व्यापार में अप्रत्याशित सफलता और लाभ प्राप्त होता है।
व्यापार वृद्धि कछुआ यंत्र के लाभ
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व्यापार में मनचाही सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
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धन से संबंधित परेशानियाँ दूर होती हैं और धन का प्रवाह बढ़ता है।
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प्रतिस्पर्धी और शत्रु स्वयं परास्त हो जाते हैं।
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नए व्यवसाय की शुरुआत में इसे स्थापित करने से अत्यधिक लाभ और निरंतर प्रगति मिलती है।
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व्यापार में घाटा होने पर यह यंत्र विशेष रूप से लाभकारी है।
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कामकाज में मन लगता है और व्यापार करने की कला विकसित होती है।
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नए अवसर प्राप्त होते हैं, संपन्नता आती है और मानसिक शांति मिलती है।
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समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
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समुद्र मंथन से जुड़ा होने के कारण यह यंत्र अत्यंत चमत्कारी और प्रभावशाली माना गया है।
कहाँ से प्राप्त करें
व्यापार वृद्धि कछुआ यंत्र आप AstroVidhi से प्राप्त कर सकते हैं।
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